जीवन के हर पड़ाव में बराबर की हिस्सेदार हूँ जीवन के हर पड़ाव में बराबर की हिस्सेदार हूँ
उपन्यास, कविता, चित्र और एक्टिंग के माध्यम से ! उपन्यास, कविता, चित्र और एक्टिंग के माध्यम से !
जीवन में मिले हुए दुख सुख भरे हुए सारे ही सौगात। जीवन में मिले हुए दुख सुख भरे हुए सारे ही सौगात।
दुःख में भी जीना आ जाता हैं सुख में भी बेचैनी रहती है। दुःख में भी जीना आ जाता हैं सुख में भी बेचैनी रहती है।
ये दो फेर बार बार, अहसास कराते हैं उनको, प्रारंभ से एक होने का। ये दो फेर बार बार, अहसास कराते हैं उनको, प्रारंभ से एक होने का।
संयम से जीवन पथ पर जो चला , सुख हो या दुख विचलित न हुआ संयम से जीवन पथ पर जो चला , सुख हो या दुख विचलित न हुआ